कश्मीरी सेब . कश्मीरी सेब प्रेमचंद इस कहानी में बाज़ार में लोगों के साथ होनेवाली धोखेबाज़ी पर प्रकाश डाला गया है और खरीदारी करते समय सावधानी बरतने की आवश्यकता पर जोर दिया गया है । कल शाम को चौक में दो - चार ज़रूरी चीजें खरीदने गया था । पंजाबी मेवाफरोशों की दूकानें रास्ते ही में पड़ती हैं । एक दूकान पर बहुत अच्छे रंगदार , गुलाबी सेब सजे हुए नज़र आये । जी ललचा उठा । आजकल शिक्षित समाज में विटामिन और प्रोटीन के शब्दों में विचार करने की प्रवृत्ति हो गई है । टोमाटो को पहले कोई भी न पूछता था । अब टोमाटो भोजन का आवश्यक अंग बन गया है । गाजर भी पहले गरीबों के पेट भरने की चीज़ थी । अमीर लोग तो उसका हलवा ही खाते थे ; मगर अब पता चला है कि गाजर में भी बहुत विटामिन हैं ; इसलिए गाजर को भी मेजों पर स्थान मिलने लगा है । सेब के विषय में तो यह कहा जाने लगा है कि एक सेब रोज़ खाइए तो आपको डॉक्टरों की ज़रूरत न रहेगी । डॉक्टर से बचने के लिए हम...